sitaramhkr

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तीसरा अध्याय

यमयातनाका वर्णन, चित्रगुप्तद्वारा श्रवणोंसे प्राणियोंके शुभाशुभ कर्मके विषयमें पूछना, श्रवणोंद्वारा वह सब धर्मराजको बताना और धर्मराजद्वारा दण्डका निर्धारण गरुडजीने कहा-हे केशव! यममार्गकी यात्रा पूरी करके यमके भवनमें जाकर पापी किस प्रकारकी यातनाको भोगता है? वह मुझे बतलाइये ॥१॥ श्रीभगवान् बोले-हे…

दूसरा अध्याय

यममार्गकी यातनाओंका वर्णन, वैतरणी नदीका स्वरूप, यममार्गके सोलह पुरोंमें क्रमश: गमन तथा वहाँ पुत्रादिकोंद्वारा दिये गये पिण्डदानको ग्रहण करना गरुडजीने कहा-हे केशव! यमलोकका मार्ग किस प्रकार दुःखदायी होता है। पापीलोग वहाँ किस प्रकार जाते हैं, वह मुझे बताइये ॥१॥ श्रीभगवान्…

पहला अध्याय

भगवान् विष्णु तथा गरुडके संवादमें गरुडपुराण-सारोद्धारका उपक्रम, पापी मनुष्योंकी इस लोक तथा परलोकमें होनेवाली दुर्गतिका वर्णन, दशगात्रके पिण्डदानसे यातनादेहका निर्माण धर्म ही जिसका सुदृढ़ मूल है, वेद जिसका स्कन्ध (तना) है, पुराणरूपी शाखाओंसे जो समृद्ध है, यज्ञ जिसका पुष्प है…

śrī kamalajadayitāṣṭakam

śr̥ṅgakṣmābhr̥nnivāsē śukamukhamunibhiḥ sēvyamānāṅghripadmēsvāṅgacchāyāvidhūtāmr̥takarasurarāḍvāhanē vāksavitri |śambhuśrīnāthamukhyāmaravaranikarairmōdataḥ pūjyamānēvidyāṁ śuddhāṁ ca buddhiṁ kamalajadayitē satvaraṁ dēhi mahyam || 1 || kalyādau pārvatīśaḥ pravarasuragaṇaprārthitaḥ śrautavartmaprābalyaṁ nētukāmō yativaravapuṣāgatya yāṁ śr̥ṅgaśailē |saṁsthāpyārcāṁ pracakrē bahuvidhanutibhiḥ sā tvamindvardhacūḍāvidyāṁ śuddhāṁ ca buddhiṁ kamalajadayitē satvaraṁ dēhi mahyam || 2 || pāpaughaṁ…

संकष्टहरण श्रीगणेशाष्टकम्

संकष्टहरण श्रीगणेशाष्टकम् ॐ अस्य श्रीसंकष्टहरणस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीमहागणपति देवता समस्तसंकष्टहरणपूर्वक समस्तैश्वर्योदयार्थे धर्मार्थ- काममोक्षफलवाप्तये जपे (पाठे) विनियोगः। ॐ ॐ ॐ काररूपं त्र्यहमिति च परं यत्स्वरूपंतुरीयं त्रैगुण्यातीतलीलं कलयति मनसं तेजसिन्दूर मूर्तिम् ।योगीन्द्रैर्ब्रह्मरन्ध्रः सकलगुणमयं श्रीहरेन्देोगसङ्गम्गं गं गं गं गणेशंगजमुखमभितो व्यापकं चिन्तयामि ।।१।। बं बं बं…