तीसरा अध्याय
यमयातनाका वर्णन, चित्रगुप्तद्वारा श्रवणोंसे प्राणियोंके शुभाशुभ कर्मके विषयमें पूछना, श्रवणोंद्वारा वह सब धर्मराजको बताना और धर्मराजद्वारा दण्डका निर्धारण गरुडजीने कहा-हे केशव! यममार्गकी यात्रा पूरी करके यमके भवनमें जाकर पापी किस प्रकारकी यातनाको भोगता है? वह मुझे बतलाइये ॥१॥ श्रीभगवान् बोले-हे…